Posted on | 2020-08-17 |
गाजियाबाद: रोटरी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान (आरएचएएम) ने फोर्टिस अस्पताल ओखला नई दिल्ली के सहयोग से लिवर प्रत्यारोपण क्यों और कब आवश्यक विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। जिसमें मुख्य वक्ता फोर्टिस अस्पताल के डॉ.आरिफ अली खान (सलाहकार लिवर ट्रांसप्लांट और जीआई सर्जरी) ने लोगांे को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान लोगों ने डाक्टर से सवाल-जवाब भी किए। रोटरी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के समन्वयक डाॅ.धीरज कुमार भार्गव ने हाॅस्ट की भूमिका निभाई। वेबिनार में रोटरी क्लब ऑफ इंदिरापुरम गैलोर, गाजियाबाद मेट्रो, दिल्ली ईस्ट एंड, गाजियाबाद हेरिटेज, गाजियाबाद सेंट्रल, दिल्ली सिटी, दिल्ली रीगल, गाजियाबाद ग्रीन, सोनीपत सेंट्रल, सोनीपत अपटाउन, रोटेक्ट क्लब दिल्ली शहर और नोएडा यूथ व गाजियाबाद भार्गव समाज समिति, मान्यवर काशीराम राजकीय महाविद्यालय नंदग्राम, गर्ल्स डिग्री कॉलेज इंग्राहम ने सहयोग किया।
डाक्टर आरिफ अली खान ने बताया कि लिवर का मुख्य काम पाचन और शरीर की सुरक्षा है। लिवर में कई प्रकार के एंजाइम्स होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। लिवर पोषक तत्वों को हार्ट और शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाता है। पाचन क्रिया के दौरान शरीर में अमोनिया गैस बनती है जिसेे लिवर यूरिया में बदलकर यूरिन के रास्ते बाहर निकालता है। लिवर एल्बुमिन नामक प्रोटीन बनता है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसकी कमी से सूजन होती है। यह दवाओं को सही जगह भी पहुंचाता है। यदि आपके ये लक्षण दिखाई दे तो आप सतर्क हो जाए। भूख न लगना, खाने के बाद लिवर वाले हिस्से में दर्द, वजन कम होना, पेट में मरोड़ रहना, गैस बनना, डकारें आना, खाना न पचना, शरीर पीला पडना, सफेद स्टूल, शरीर में खुजली। कुछ लोगों में लक्षण नहीं दिखते हैं। इसकी पहचान के लिए एलएफटी, सीबीसी, लिपिड प्रोफाइल, अल्ट्रासाउंड, हेपेटाइटिस और ऑटोइम्युन मार्कर टेस्ट जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव कर इससे बचा जा सकता है। पानी पर्याप्त पीएं। इससे फैटी लिवर में बचाव होता है। सोडा-सॉफ्ट ड्रिंक्स, चाय लेने से बचें। बार-बार स्नैकिंग करें। चार बिस्किट में 100 कैलोरी, इसे पचाने लिए 6 किमी चलना होगा। डाइट में एक-एक तिहाई हिस्सा सलाद, ठोस भोजन और लिक्विड का हो। व्यायाम से मेटाबोलिज्म सही रहेगा। नियमित 6-8 घंटे तक की नींद लें।
डायबिटीज के मरीजों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में डाक्टर ने बताया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों को अपने लिवर का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि इस वजह से उनका लिवर प्रभावित हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा अधिक होता है। फैटी लिवर डीजिज भी टाइप 2 डायबिटीज के विकास में एक भूमिका निभा सकता है। एक बार जब आपके पास दोनों स्थितियां होती हैं, तो खराब तरीके से प्रबंधित टाइप 2 डायबिटीज फैटी लीवर की बीमारी को बदतर बना सकता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीज ब्लड शुगर लेवल व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें, वजन कम करें, अत्यधिक एल्कोहल ना लें।
डाक्टर ने बताया कि उन्होंने दस साल में अब तक करीब 1500 लिवर ट्रांसप्लांट किए है। कोविड-19 के दौरान 4 माह में 20 ट्रांसप्लांट किए। कोरोना काल के दौरान 100 में से 20-25 लोगों को जान का खतरा रहता है। इसीलिए जब तक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव नहीं आती लिवर ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता।
डाक्टर ने कहा कि एक आदमी लिवर का आधा हिस्सा डोनेट कर सकता है। आधा हिस्सा डोनेट करने के बाद वह ग्रो (बढ़कर) कर नॉर्मल साइज में आ जाता है। डोनर को भविष्य में कोई तकलीफ नहीं होती, जबकि एक व्यक्ति लिवर डोनेट कर आठ व्यक्तियों को नई जिंदगी दे सकता है। लिवर चार से 12 हफ्ते में 95 प्रतिशत ग्रोथ कर लेता है। लिवर निकालने के 6 घंटे के अंदर लिवर ट्रांसप्लांट होना आवश्यक होता है। देश में सालाना 35-40 हजार मरीजों को लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। बावजूद इसके बामुश्किल 3 हजार मरीज ही खुशनसीब होते हैं, जिनका लीवर ट्रांसप्लांट हो पाता है। हजारों व्यक्ति किडनी, हार्ट, प्रैंक्रियाज डोनेशन का इंतजार कर रहे हैं।
रोटरी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के संरक्षक एवं पीडीजी रो.डाॅ. सुभाष जैन द्वारा शराब पीने से नुकसान संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में डाक्टर ने बताया कि शराब पीने की आदत से हेपेटाइटिस और सिरोसिस की आशंका बढ़ जाती है। मोटापे से 10-15 फीसदी तक लिवर रोग होते हैं। इसे नॉन अल्कोहलिक हेेपेटाइटिस कहते हैं। असुरक्षित संबंध से हेपेटाइटिस बी और सी की आशंका रहती है।
रोटरी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के समन्वयक डाॅ.धीरज कु
World Cancer Day 4th February 2021
Wishing you 72nd Republic Day
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 23-Jan-2021
Happy makar sankranti
HAPPY LOHRI & MAKARSANKRANTI
वर्मा जी एक कड़क ऑफिसर हैं!
स्टाफ अगर लेट आए तो उनको बिलकुल बर्दाश्त नहीं