Posted on | 2021-01-02 |
खेल डेस्क: हर क्षेत्र की तरह खेलों के लिए भी 2021 उम्मीदों का साल है। उम्मीदें ओलंपिक और विश्व कप जैसे आयोजनों पर पड़ी कोरोना की काली छाया से निकल इनके परवान चढने की। देश की तरह पूरी दुनिया की निगाहें वैक्सीन पर टिकी हैं। कोरोना का टीकाकरण सफल रहा तो इस साल खेल के मैदान में एक बार फिर सरगर्मियां दिखाई पड़ेंगी। रही बात साल 2021 में भारतीय खिलाड़ियों के सामने खड़ी चुनौतियों की तो टोक्यो ओलंपिक में 100 से अधिक खिलाड़ियों का दल और इस साल देश में ही होने वाले टी-20 विश्व कप में परचम लहराना उनकी प्राथमिकता होगी।
चुनौती सरजमीं पर टी-20 विश्व कप विजेता बनने की
अन्य खेलों की अपेक्षा क्रिकेट ऐसा खेल रहा जिसने कोरोना के बीच कड़े बायो बबल में अपनी गतिविधियों को शुरू किया। यही कारण है कि साल 2021 में क्रिकेट गतिविधयां चरम पर रहने की उम्मीद है। टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस साल अक्तूबर-नवंबर माह में घर में ही होने वाले टी-20 विश्व कप का ताज हथियाने की रहेगी। 2007 के पहले विश्व कप के बाद भारत कभी टी-20 विजेता नहीं बना। यहां तक भारत में हुए 2016 के विश्व कप में भी उसे सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। नव वर्ष में सिडनी और ब्रिसबेन में भिड़ंत ऑस्ट्रेलियाई दौरे की जहां रूपरेखा स्पष्ट करने वाला है वहीं फरवरी-मार्च में इंग्लैंड की टीम टेस्ट, वन डे और टी-20 श्रृंखला बायो बबल में खेलेगी। साथ ही भारत को इस साल दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ भी श्रृंखलाएं खेलनी हैं।
अब तक सबसे ज्यादा भारतीय शूटर होंगे ओलंपिक में
टोक्यो ओलंपिक में सबसे ज्यादा निगाहें भारतीय शूटरों पर होंगी। इस बार ओलंपिक में सबसे ज्यादा 15 शूटरों ने क्वालिफाई किया है। सिर्फ लंदन ओलंपिक ही ऐसा रहा है जहां अधिकतम दो शूटरों ने पदक जीते, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि सौरभ चौधरी, मनु भाकर, अपूर्वी चंदेला, अंजुम मौद्गिल समेत कुछ शूटर अपना जलवा बिखेर सकते हैं। ओलंपिक से पहले मार्च में नई दिल्ली में शूटिंग का विश्व कप भी प्रस्तावित है।
बजरंग, विनेश पर रहेंगी निगाहें
लंदन और रियो ओलंपिक में पहलवानों ने देश को पदक दिलाए हैं। इस बार भी टोक्यो में पदक की उम्मीदें बजरंग (65) और विनेश (53) से परवान चढ़ी हैं। वहीं दीपक पूनिया (86) और रवि कुमार (57) भी ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुके हैं। अपने रंग में ये किसी को भी पटखनी दे सकते हैं। हालांकि अभी दो ओलंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट होने हैं। इनमें अन्य भार वर्गों में भी ओलंपिक टिकट हासिल करने की उम्मीद है।
दिखाना होगा मुक्के का दम
टोक्यो ओलंपिक केलिए अब तक नौ बॉक्सर अमित पंघाल, मनीष कौशिक, विकास कृष्ण, आशीष कुमार, सतीश कुमार, एमसी मैरी कॉम, सिमरनजीत कौर, लोवलीना और पूजा रानी क्वालिफाई कर चुके हैं। अमित, विकास, मैरी कॉम एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं। बॉक्सरों को विदेश में तैयारियों के सबसे अधिक मौके मिले हैं। ओलंपिक से पहले भी टीम ज्यादातर समय विदेश में रहेगी। अभी ओलंपिक के भी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट बचे हैं। ऐसे में भारत का ओलंपिक में सबसे बड़ा बॉक्सिंग दल देखने को मिल सकता है।
सिंधू, साइना को हासिल करनी होगी फॉर्म
टोक्यो में बैडमिंटन में पीवी सिंधू पर निगाहें रहेंगी। हालांकि इसके लिए उन्हें अपनी पुरानी लय हासिल करनी होगी। जनवरी माह से थाईलैंड में ओलंपिक क्वालिफाइंग दौर शुरू होने जा रहा है। यहां साइना नेहवाल, किदांबी श्रीकांत, साई परणीथ, सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के समक्ष ओलंपिक टिकट हासिल करने के लिए रैंकिंग अंक जुटाना महत्पूर्ण होगा। 18 मई तक रैंकिंग के आधार पर पहले 16 की रैंकिंग में रहने वालों को ओलंपिक टिकट मिलेगा।
नीरज, शिवपाल आशा की किरण
यह पहली बार है जब ओलंपिक के लिए देश के दो थ्रोअरों ने टिकट हासिल किया है। नीरज चोपड़ा और शिवपाल सिंह आशा की किरण रहेंगे। नीरज के बारे में कहा जा रहा है कि वह 90 मीटर की दूरी तक जेवेलिन फेंकने में सक्षम हैं। वहीं तीन हजार मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ ओलंपिक टिकट लिया है, लेकिन उनसे पदक की उम्मीदें नहीं लगाई जा रही हैं। अभी देश के बड़ी संख्या में एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर सकते हैं। इनमें हिमा दास, दुती चंद और रिले टीम से क्वालिफाई करने की उम्मीदें हैं।
चुनौती महिला तीरंदाजी टीम के क्वालिफाई करने की
अतानु दास, प्रवीण जाधव और तरुणदीप रॉय पुरुष तीरंदाजी में ओलंपिक के लिए टीम को क्वालिफिकेशन दिला चुके हैं, लेकिन महिलाओं में सिफर दीपिका कुमारी क्वालिफाई की हैं। जून माह में महिला टीम के पास ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने का मौका होगा।
वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू पर निगाहें रहेंगी। वह 2017 में विश्व चैंपियन रह चुकी हैं। उनके नाम पर 49 किलो में 203 किलो वजन उठाने का राष्ट्रीय कीर्तिमान है। टोक्यो में उनसे पदक की उम्मीदें जताई जा रही हैं। ओलंपिक से पहले वह एशियाई चैंपियनशिप में खेलने उतरेंगी।
पुरुष हॉकी टीम तोड़ पाएगी मिथ
लंबे समय बाद विशेषज्ञ भारतीय पुरुष हॉकी टीम को इस बार पदक का दावेदार मान रहे हैं। इसका कारण भारतीय टीम की नंबर चार रैंकिंग होना है। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारत ने नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और बेल्जियम जैसी टीमों को हराया है। पुरुष और महिला दोनों टीमें ओलंपिक टिकट हासिल कर चुकी हैं। 1980 के बाद से भारत ने हॉकी में ओलंपिक में पदक हासिल नहीं किया है।
World Cancer Day 4th February 2021
Wishing you 72nd Republic Day
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 23-Jan-2021
Happy makar sankranti
HAPPY LOHRI & MAKARSANKRANTI
वर्मा जी एक कड़क ऑफिसर हैं!
स्टाफ अगर लेट आए तो उनको बिलकुल बर्दाश्त नहीं